क्यों घबराता है बावरे क्यों रहता है उदास लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










क्यों घबराता है बावरे
क्यों रहता है उदास
तेरा साथी मुरली वाला
बैठा है तेरे पास
क्यूं घबराता है बावरे
क्यों रहता है उदास।।
तर्ज देना हो तो दीजिये।


ढूंढ रहा है इधर उधर और
बिन मतलब हैरान है
तुमसे दूर नहीं है कान्हा।
फिर भी तू परेशान है
तेरे दिल की कुटिया में ही
मेरे कान्हा का निवास
क्यूं घबराता है बावरे
क्यों रहता है उदास।।


भक्त पुकारे वो नहीं आए
ऐसा अब तक हुआ नहीं
ऐसा कैसे हो सकता है
उसने सहारा दिया नहीं
वो दुखियो का साथी है
और भक्तो का है दास
क्यूं घबराता है बावरे
क्यों रहता है उदास।।









तुमसे ज्यादा चिंता उसको
घड़ी घड़ी तुझे देख रहा
भक्त का कष्ट मिटाऊँ कैसे
घड़ी घड़ी वो सोच रहा
तेरे अच्छे दिन आएँगे
तू बिलकुल ना हो उदास
क्यूं घबराता है बावरे
क्यों रहता है उदास।।


आँखों से वो भक्त को देखे
हाथों से नाव चलाता है
बनवारी नंगे पाँव दौड़े
भक्त की लाज बचता है
दरबार में सुनता है बस
ये भक्तो की अरदास
क्यूं घबराता है बावरे
क्यों रहता है उदास।।


क्यों घबराता है बावरे
क्यों रहता है उदास
तेरा साथी मुरली वाला
बैठा है तेरे पास
क्यूं घबराता है बावरे
क्यों रहता है उदास।।
स्वर राजा अग्रवाल।
प्रेषक ऋषि कुमार विजयवर्गीय।
7000073009










kyu ghabrata hai bawre kyu rahta hai udas lyrics