क्यूँ भटकै मन बावरे क्यूँ तूं रोता है भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










क्यूँ भटकै मन बावरे
क्यूँ तूं रोता है
सांवरियै का प्रेमी होकर
धीरज खोता है
तू कर विश्वास ऐ प्यारे
साँवरा साथ है प्यारे
क्यों भटकै मन बावरे
क्यूँ तूं रोता है
सांवरियै का प्रेमी होकर
धीरज खोता है
तू कर विश्वास ऐ प्यारे
साँवरा साथ है प्यारे।।
तर्ज लाल दुपट्टा उड़ गया रे मेरा।


उगता है गर सुबह का सूरज
साँझ को वो ढल जाता है
ये जीवन भी उसी तरह है
सुख दुख आता जाता है
बल माँगो प्रभु से जीने का
सुख दुख के आंसू पीने का
सुख में हँसता दुख में क्यूँ तू
नैन भिगोता है
सांवरियै का प्रेमी होकर
धीरज खोता है
तू कर विश्वास ऐ प्यारे
साँवरा साथ है प्यारे।।


राम ने भी दुख काटे थे
चौदह वर्ष वनवास में
सांवरियै ने जन्म लिया
देखो कारावास में
ये कहे कन्हैया कर्म करो
बिन फल की इच्छा कर्म करो
कर्म हमारा अच्छा कुल के
पाप को धोता है
सांवरियै का प्रेमी होकर
धीरज खोता है
तू कर विश्वास ऐ प्यारे
साँवरा साथ है प्यारे।।









छोड़ दिखावा चका चोंध तू
काहे मनवा भरमाये
ना जाने किस वेश में तेरे
नारायण घर आ जाये
दुख में ना कर तू खुदगर्ज़ी
सुख दुख रोमी प्रभु की मर्ज़ी
साँवरिये की रज़ा में क्यूँ ना
राजी होता है
सांवरियै का प्रेमी होकर
धीरज खोता है
तू कर विश्वास ऐ प्यारे
साँवरा साथ है प्यारे।।


क्यूँ भटकै मन बावरे
क्यूँ तूं रोता है
सांवरियै का प्रेमी होकर
धीरज खोता है
तू कर विश्वास ऐ प्यारे
साँवरा साथ है प्यारे
क्यूँ भटकै मन बावरे
क्यूँ तूं रोता है
सांवरियै का प्रेमी होकर
धीरज खोता है
तू कर विश्वास ऐ प्यारे
साँवरा साथ है प्यारे।।












kyu bhatke man bawre kyu tu rota hai lyrics