क्यों पानी में मल मल नहाये मन की मैल उतार - MadhurBhajans मधुर भजन
क्यों पानी में मल मल नहाये
मन की मैल उतार
मन की मैल उतार
क्या पानी में मल मल नहावें
मन को मैल उतार प्यारे।।
हाड़ माँस की देह बनी है
झरे सदा नवद्वार पियारे
क्या पानी में मल मल नहावें
मन को मैल उतार प्यारे।।
पाप कर्म तन के नहिं छोड़े
कैसे होय सुधार पियारे
क्या पानी में मल मल नहावें
मन को मैल उतार प्यारे।।
सत संगत तीरथ जल निर्मल
नित उठ गोता मार पियारे
क्या पानी में मल मल नहावें
मन को मैल उतार प्यारे।।
ब्रह्मानंद भजन कर हरि का
जो चाहे निस्तार पियारे
क्या पानी में मल मल नहावें
मन को मैल उतार प्यारे।।
क्यों पानी में मल मल नहाये
मन की मैल उतार
मन की मैल उतार
क्या पानी में मल मल नहावें
मन को मैल उतार प्यारे।।
गायक प्रेषक राजेन्द्रप्रसाद सोनी।
8839262340
kyo pani me mal mal nahaye man ki mel utar lyrics