क्यों भुला जग सारा न्यारा न्यारा पंथ जगत में - MadhurBhajans मधुर भजन










क्यों भुला जग सारा
अमे ओ आद पुरूष से माया उपजी
उन मुन मे विसतारा आ
ब्रह्म विष्णु महेश्वर देवा
ब्रह्म विष्णु महेश्वर देवा
शक्ति को निर्जन हारा ओ साधु भई
क्यु भूला जग सारा
ब्रह्म विष्णु महेश्वर देवा
शक्ति को निर्जन हारा रे संतो
क्यु भूला जग सारा।।
न्यारा न्यारा पंथ जगत में
न्यारा न्यारा पंथ जगत में
जीवों किनरी लारा ओ साधु भई
क्यु भूला जग सारा आ।।


तीन लोक ओर नव खंड पृथ्वी
तीन लोक ओर नव खंड पृथ्वी
चौदह लोक विसतारा
आकाश वायु तेज जल पृथ्वी
आकाश वायु तेज जल पृथ्वी
अग्नि श्री ओम तारा ओ साधु भई
क्यु भूला जग सारा
न्यारा न्यारा पंथ जगत में
जीवो किनरी लारा रे साधु भई
क्यु भूला जग सारा।।


अरे तिर्थ व्रत नेम रा बंधन
अरे तिर्थ व्रत नेम रा बंधन
वेद पढे नित न्यारा
हिन्दू तरकीब सुजे नाही
हिन्दू तरकीब सुजे नाही
कोई नहीं पाया पारा ओ संतो भई
क्यु भूला जग सारा
न्यारा न्यारा पंथ जगत में
जीवो किनरी लारा रे साधु भई
क्यु भूला जग सारा।।









अरे पंथ पंथ मे पच पच मरीया
पंथ पंथ मे पच पच मरीया
भज भज नाम अपारा
कहे हेमनाथ सुनो रे भई साधु
कहे हेमनाथ सुनो रे भई साधु
सायब है निराधारा ओ साधु भई
क्यु भूला जग सारा
न्यारा न्यारा पंथ जगत में
जीवो किनरी लारा रे साधु भई
क्यु भूला जग सारा।।


अमे ओ आद पुरूष से माया उपजी
उन मुन मे विसतारा आ
ब्रह्म विष्णु महेश्वर देवा
ब्रह्म विष्णु महेश्वर देवा
शक्ति को निर्जन हारा ओ साधु भई
क्यों भुला जग सारा
ब्रह्म विष्णु महेश्वर देवा
शक्ति को निर्जन हारा रे संतो
क्यु भूला जग सारा।।
गायक प्रकाश माली जी।
प्रेषक मनीष सीरवी
9640557818










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