क्या ये तुमको पता है ओ बाबा कितनी गमगीन ये शब हुई है - MadhurBhajans मधुर भजन










क्या ये तुमको पता है ओ बाबा
कितनी गमगीन ये शब हुई है
तुमसे मिलने की चाह में आँखें
आंसुओं से लबालब हुई हैं
क्या ये तुमको पता हैं ओ बाबा
कितनी गमगीन ये शब हुई है।।
तर्ज इतनी शक्ति हमें देना।


ऐसी कोई भी ग्यारस नहीं थी
जिसपे मैं तुमसे मिलने ना आया
एक तो पहरा है पाबंदियों का
दूजा यादो ने बहुत रुलाया
याद आती है खाटू की गलियां
हमसे जो जुदा अब हुई हैं
तुमसे मिलने की चाह में आँखें
आंसुओं से लबालब हुई हैं
क्या ये तुमको पता हैं ओ बाबा
कितनी गमगीन ये शब हुई है।।


कितने दिन वो हसी होते थे
जब आते थे दर्शनों को
आज रोता है ये दिल अकेला
ढूंढे कीर्तन भरी महफिलों को
ना वो कीर्तन है ना हैं वो प्रेमी
रात वीरान सी सब हुई है
तुमसे मिलने की चाह में आँखें
आंसुओं से लबालब हुई हैं
क्या ये तुमको पता हैं ओ बाबा
कितनी गमगीन ये शब हुई है।।









कर दो रहमो करम खाटू वाले
अपनी मोरछड़ी लहराओ
अपने बिछड़े हुए प्रेमियों को
अपने चरणों में फिर से बुलाओ
मिटे सतविंदर ये दूरी
मेरी तुमसे मेरे रब हुई है
तुमसे मिलने की चाह में आँखें
आंसुओं से लबालब हुई हैं
क्या ये तुमको पता हैं ओ बाबा
कितनी गमगीन ये शब हुई है।।


क्या ये तुमको पता है ओ बाबा
कितनी गमगीन ये शब हुई है
तुमसे मिलने की चाह में आँखें
आंसुओं से लबालब हुई हैं
क्या ये तुमको पता हैं ओ बाबा
कितनी गमगीन ये शब हुई है।।













kya ye tumko pata hai o baba lyrics