क्या तन माँजता रे एक दिन माटी में मिल जाना लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
क्या तन माँजता रे
एक दिन माटी में मिल जाना
पवन चले उड़ जाना रे पगले
पवन चले उड़ जाना रे पगले
समय चूक पछताना
समय चूक पछताना
क्या तन माँजता रे
एक दिन माटी में मिल जाना।।
चार जना मिल घडी बनाई
चला काठ की डोली
चारों तरफ से आग लगा दी
चारों तरफ से आग लगा दी
फूंक दही जस होरी
फूंक दही जस होरी
क्या तन माजता रे
एक दिन माटी में मिल जाना।।
हाड़ जले जैसे बन की लकड़ियां
केश जले जैसे घासा
कंचन जैसी काया जल गई
कंचन जैसी काया जल गई
कोई न आवे पासा
कोई न आवे पासा
क्या तन माजता रे
एक दिन माटी में मिल जाना।।
तीन दीना तेरी तिरिया रोवे
तेरा दीना तेरा भाई
जनम जनम तेरी माता रोवे
जनम जनम तेरी माता रोवे
करके आस पराई
करके आस पराई
क्या तन माजता रे
एक दिन माटी में मिल जाना।।
माटी ओढ़ना माटी बिछोना
माटी का सिरहाना
कहे कबीरा सुनले रे बन्दे
कहे कबीरा सुनले रे बन्दे
ये जग आना जाना
ये जग आना जाना
क्या तन माजता रे
एक दिन माटी में मिल जाना।।
क्या तन माँजता रे
एक दिन माटी में मिल जाना है
पवन चले उड़ जाना रे पगले
समय चूक पछताना।।
श्री राजेंद्र प्रसाद मेनारिया
kya tan manjta re lyrics in hindi