कोई भाव से मेरे सतगुरु को सजा दे भाग्य जग जाएगा लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
कोई भाव से मेरे
सतगुरु को सजा दे
भाग्य जग जाएगा
भाग्य जग जाएगा।।
तर्ज ऐसे प्यार से मेरी।
गुरुवर को गंगाजल से
पहले नहला दो
रोली चन्दन से
तिलक लगा दो
फिर भाव से
पुष्पों का हार चढ़ा दो
भाग्य जग जाएगा
भाग्य जग जाएगा।।
सतगुरु को छप्पन
भोग ना भाए
भूखा है भाव का
जो भी दिखाए
फिर भाव से
गुरुवर को भोग लगा दे
भाग्य जग जाएगा
भाग्य जग जाएगा।।
गुरुवर के चरणों में
स्वर्ग है लगता
श्रष्टि झुके आसमान
भी झुकता
फिर भाव से
तू अपना शीश झुका दे
भाग्य जग जाएगा
भाग्य जग जाएगा।।
कोई भाव से मेरे
सतगुरु को सजा दे
भाग्य जग जाएगा
भाग्य जग जाएगा।।
स्वर संजय गुलाटी।
koi bhav se mere satguru ko saja de lyrics