कोई ऐसी खोल नहीं है जिसमें तू छुप पायेगा भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










कोई ऐसी खोल नहीं है
जिसमें तू छुप पायेगा।
दोहा शीश ढको तो पाँव खुले रे
पाँव ढको तो शीश
अजब चदरिया तृष्णा की है
जिसमे जीवन जाए बीत।
कोई ऐसी खोल नहीं है
जिसमें तू छुप पायेगा
प्रभु के नाम की ओढ़ चदरिया
तन मन सब डक जाएगा।।


बड़े गुण वाली प्रभु नाम की चदरिया
जिसमें प्रभु से मांगी मिली चदरिया
तुलसीदास ने भक्ति करके
राम चदरिया ओढ़ ली
रामचरित गाकर के राम मय
बन गई जग में तुलसी
बिना वस्त्र तू आया जगत में
बिना वस्त्र ही जाएगा
प्रभु के नाम की ओढ़ चदरिया
तन मन सब डक जाएगा
कोईं ऐसी खोल नही है
जिसमें तू छुप पायेगा।।









मीरा ने ओढ़ी कृष्ण नाम की चदरिया
नंदलाला की मन में बाजी बसुरिया
विष का प्याला राणा भेजा
पी गई मीरा हंसकर
सारा विश अमृत सा हो गया
कृष्ण चदरिया छूकर
अजर अमर प्रभु नाम चदरिया
ओढ़ अमर पद पायेगा
प्रभु के नाम की ओड़ चदरिया
प्रभु के नाम की ओढ़ चदरिया
तन मन सब डक जाएगा
कोईं ऐसी खोल नही है
जिसमें तू छुप पायेगा।।


सूर ने ओढ़ी हरी नाम की चदरिया
दर्शन पाए प्रभु सूर बिन अखियां
श्याम सुंदर के बाल रूप में
रमी भावना उनकी
भक्ति में शक्ति फिर जागी
खुल गई अखियां मन की
प्रभु के नाम की ज्योत जगा तू
हरि का दर्शन पायेगा
प्रभु के नाम की ओढ़ चदरिया
तन मन सब डक जाएगा
कोईं ऐसी खोल नही है
जिसमें तू छुप पायेगा।।


कोईं ऐसी खोल नहीं है
जिसमें तू छुप पायेगा
प्रभु के नाम की ओढ़ चदरिया
तन मन सब डक जाएगा।।
स्वर श्री अनूप जलोटा जी।
प्रेषक पंकज पवार
9685233868
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koi aisi khol nahi hai jisme tu chup payega lyrics