कितना अजीब मोहन किस्मत का लेख मेरा खाटु श्याम भजन - MadhurBhajans मधुर भजन










कितना अजीब मोहन
किस्मत का लेख मेरा।।
तर्ज भूलना जो चाहा।
श्लोक बाबा की ममता भरी
देखी जो तस्वीर
खोयोड़ी ज्यूँ मिल गयी
आज मेरी जागीर।।


कितना अजीब मोहन
किस्मत का लेख मेरा
जो कुछ भी हो रहा है
उसमे हैं हाथ तेरा
कितना अजीब मोहन
किस्मत का लेख मेरा।।









हारे हैं हारते हैं
क्या हारते रहेंगें
खामोश हैं कन्हैया
कुछ भी न हम कहेंगें
किससे कहें हे मोहन
कोई न जग में मेरा
कितना अजीब मोंहन
किस्मत का लेख मेरा।।


हिचकोले खाते खाते
सहना भी तुमसेे सीखा
अब तो लगे है हारना
जुआ भी जिंदगी का
सुख में भी दुःख है मोहन
कैसा ये खेल तेरा
कितना अजीब मोंहन
किस्मत का लेख मेरा।।


कर ली जो तुमसे यारी
जीना सफल हुआ है
बदनाम नाम न हो तेरा
मेरी तो ये दुआ है
कितने चलाओ जादू
ओम छोड़े ना साथ तेरा
कितना अजीब मोंहन
किस्मत का लेख मेरा।।


कितना अजीब मोहन
किस्मत का लेख मेरा
जो कुछ भी हो रहा है
उसमे हैं हाथ तेरा
कितना अजीब मोंहन
किस्मत का लेख मेरा।।





















kitna ajeeb mohan kismat ka lekh mera lyrics