किसको कहूँ मैं अपना किसको कहूँ पराया भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










किसको कहूँ मैं अपना
किसको कहूँ पराया
हर एक शख्स ने है
हर एक शख्स ने है
दिल मेरा दुखाया
किसको कहूं मैं अपना
किसको कहूँ पराया
तेरे सिवा ऐ बाबा
कोई समझ ना पाया
हर एक शख्स ने है
हर एक शख्स ने है
दिल मेरा दुखाया
किसको कहूं मैं अपना
किसको कहूँ पराया।।
तर्ज आए हो मेरी ज़िन्दगी में।


तेरे तो मुझपे बाबा
एहसान ही बहुत है
फिर भी कभी ना कहता
एहसानमंद तू है
हमदर्द बनके सबने
है दर्द को बढ़ाया
दिल को सुकून बाबा
दिल को सुकून बाबा
चरणों में तेरे आया
किसको कहूं मैं अपना
किसको कहूँ पराया।।


मुझको नहीं जरूरत
कि कोई मुझको समझे
तू जानता है मुझको
ये बात ही बहुत है
मैं पापी हूँ या कपटी
ये जानता तू ही है
मैं हारी जब भी बाबा
मैं हारी जब भी बाबा
तूने गले लगाया
किसको कहूं मैं अपना
किसको कहूँ पराया।।









किसको कहूँ मैं अपना
किसको कहूँ पराया
हर एक शख्स ने है
हर एक शख्स ने है
दिल मेरा दुखाया
किसको कहूं मैं अपना
किसको कहूँ पराया
तेरे सिवा ऐ बाबा
कोई समझ ना पाया
हर एक शख्स ने है
हर एक शख्स ने है
दिल मेरा दुखाया
किसको कहूं मैं अपना
किसको कहूँ पराया।।
स्वर सिमरन जी कौर।










kisko kahu main apna kisko kahu paraya lyrics