किसी का मत करियो अपमान वक्त की हवा निराली है लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










किसी का मत करियो अपमान
वक्त की हवा निराली है
वक्त की हवा निराली है
वक्त की हवा निराली है
किसी का मत कारियों अपमान
बखत की हवा निराली सै।।


हो सै ढलती फिरती छाया
बखत बता कद काबू आया
हारे योद्धा वीर महान
या दुनिया देखीभाली सै
किसी का मत कारियों अपमान
बखत की हवा निराली सै।।


ठाकै ल्याया सीता नारी
अपणे पैर कुल्हाड़ी मारी
मिट्या रावण का नामनिशान
घमंड की मार कुढाली सै
किसी का मत कारियों अपमान
बखत की हवा निराली सै।।


कंस भूलग्या सब मर्यादा
पाप कमाये हद तैं ज्यादा
विधि का पूरा होया विधान
सभी का राम रूखाली सै
किसी का मत कारियों अपमान
बखत की हवा निराली सै।।









ओम गुरु कहैं रह कायदे मैं
रहज्यागा रामधन फायदे मैं
जग मैं कोण इसा बलवान
बखत की जिसनै टाली सै


किसी का मत कारियों अपमान
बखत की हवा निराली सै।।


किसी का मत करियो अपमान
वक्त की हवा निराली है
वक्त की हवा निराली है
वक्त की हवा निराली है
किसी का मत कारियों अपमान
बखत की हवा निराली सै।।
स्वर विधि देशवाल जी।
लेखक रामधन गोस्वामी जी।
प्रेषक अजय शर्मा उगालन।
9813415882










kisi ka mat kariyo apman waqt ki hawa nirali se lyrics