किसी दिन तो आएंगे दिन मेरे ऐसे जैन प्रार्थना भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










किसी दिन तो आएंगे दिन मेरे ऐसे
बढूंगा तेरे पथ बनु तेरे जैसे
यही प्रार्थना है मेरी तुमसे भगवन
जो बोलो में मानु न पुछु की कैसे।।


तुम्हे जब से देखा है तबसे है माना
नहीं रागियों की शरण में है जाना
गगन में तो तारे चमकते अनेकों
नहीं है प्रभा उनमें दिनकर के जैसे।।


सभी प्राणियों के हो तुम ही हितंकर
हो मंगल के कर्ता अशुभ के क्षयंकर
मेरे कर्म बन्धन प्रभु ऐसे काटो
दिवाकर उदय से हो तम नाश जैसे।।


अनेकों है जग में जो धन और वर दें
मग़र तुम हो विरले जो निज सम ही करदे
परम्पद को पाने जपूं नाम ऐसे
भटका सा बालक रटे मात जैसे।।









तुम्ही ध्येय हो और तुम्ही ध्यान मेरे
में जब तक भी जन्मु हो भगवान मेरे
मेरे मन की बगिया को ऐसे खिला दो
रविकिरणों से खिलता है राजीव जैसे।।


किसी दिन तो आएंगे दिन मेरे ऐसे
बढूंगा तेरे पथ बनु तेरे जैसे
यही प्रार्थना है मेरी तुमसे भगवन
जो बोलो में मानु न पुछु की कैसे।।




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kisi din to aayenge din mere aise jain bhajan lyrics