खेतेश्वर को जपले प्राणी मैं समझावु घडी घडी भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
खेतेश्वर को जपले प्राणी
मैं समझावु घडी घडी।।
श्लोक खेतेश्वर थाने विनती
दिन में सौसौ बार
बालक जान दया कर दीजो
दाता कीजो भव सु पार।
आम की डाली कोयल बोले
बात बतावे खरी खरी।
खेतेश्वर को जपले प्राणी
मैं समझावु घडी घडी।।
बह्मधाम आशोतरा में
नर नारी रो मेलो है।
खेतेश्वर को ध्यान धरो
हर दम थारे भेलो है।
गाँव गाँव और नगर नगर में
धूम मची है गली गली ।।
खेतेश्वर को जप ले प्राणी
मैं समझावु घडी घडी।।
धन दौलत सब उम्र कमानों
दोई घडी शुभ काम करो।
एडो अवसर हाथ नही आवे
चाहे जतन तमाम करो।
तन मन धन सब अर्पण करलो
बह्मधाम के आप धणी।।
खेतेश्वर को जप ले प्राणी
मैं समझावु घडी घडी।।
आप बसे वैकुंठ धाम अब
भक्त पे आये मैहर करो।
ग्यान ध्यान के तुम हो सागर
सुखी नदिया नीर भरो।
प्यासी बगिया मेर से भर दो
हो जावे वे हरी भरी।।
खेतेश्वर को जप ले प्राणी
मैं समझावु घडी घडी।।
बह्म स्वरूपी महावैरागी
खेतेश्वर तप धारी है।
आप की शरणे जो कोई आया
नैया पार उतारी है।
दास हिरा पर कृपा कर दो
भजन बनाई कड़ी कड़ी।।
खेतेश्वर को जप ले प्राणी
मैं समझावु घडी घडी।।
आम की डाली कोयल बोले
बात बतावे खरी खरी।
खेतेश्वर को जपले प्राणी
मैं समझावु घडी घडी।।
भजन लेखक श्री महेंद्र सिंहजी पंवार।
श्रवण सिंह राजपुरोहित द्वारा प्रेषित
सम्पर्क 91 9096558244
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