खाटू से निकलते ही कुछ दूर चलते ही भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
खाटू से निकलते ही
कुछ दूर चलते ही
पाँव तो जाते ठहर
साँवरे की यादों को लेके चले हैं जो
आँखें तो जाती हैं भर
सांवरे से होके जुदा
रहना हुआ है मुश्किल
दर्शन को फिर आएँगे
इनको पुकारे ये दिल
खाटु से निकलते ही
कुछ दूर चलते ही
पाँव तो जाते ठहर।।
तर्ज घर से निकलते ही।
देखे उन्हे दिल तो करे
झपके ना पलकें कभी
ऐसा हसी दूजा नही
होते दीवाने सभी
वापस है जाना दिल तो ना माने
आँखों से बहते ग़म के तराने
धुँधला सी जाती है डगर
खाटू जो आते हैं घर भूल जाते हैं
बाबा से मिलती जब नज़र
खाटु से निकलते ही
कुछ दूर चलते ही
पाँव तो जाते ठहर।।
हाथों से है दिल तो गया
ऐसी बँधी डोर है
दीवानो पे बाबा का ही
चलता सदा ज़ोर है
धड़कन में हैं वो तन मन में हैं वो
साँसों में हैं वो जीवन में हैं वो
दिखता है देखे हम जिधर
बेबस तो है चोखनी
टोनी ने हार मानी
दीवानगी है इस क़दर
खाटु से निकलते ही
कुछ दूर चलते ही
पाँव तो जाते ठहर।।
खाटू से निकलते ही
कुछ दूर चलते ही
पाँव तो जाते ठहर।।
khatu se nikalte hi kuch dur chalte hi lyrics