खाटू में जब जब ग्यारस की शुभ रात जगाई जाती है लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










खाटू में जब जब ग्यारस की
शुभ रात जगाई जाती है
बैठा के सामने बाबा को
हर बात बताई जाती है
खाटू में जब जब ग्यारस की।।
तर्ज है प्रीत जहाँ की रीत सदा।


दरबार में बैठा हर प्रेमी
भजनो से तुम्हे रिझाता है
तेरी देख रेख में वो अपना
परिवार छोड़ कर आता है
पीछे से सब तू संभाल रहा
पीछे से सब तू संभाल रहा
यही आस लगाई जाती है
बैठा के सामने बाबा को
हर बात बताई जाती है
खाटू में जब जब ग्यारस की।।


दुनिया में जैसा कही नहीं
यहाँ ऐसा अखाड़ा लगता है
खाटु में जो मस्ती कीर्तन की
इस जग में नगाड़ा बजता है
लाखो भी लुटा कर नाम युति
लाखो भी लुटा कर नाम युति
यहाँ मुफ्त पिलाई जाती है
बैठा के सामने बाबा को
हर बात बताई जाती है
खाटू में जब जब ग्यारस की।।









कितना कुछ पाया है तुमसे
मुझको उसका अंदाज नहीं
मुश्किल से गुजारा होता था
दिन वैसे सचिन के आज नहीं
जो मांगने से भी ना मिलती
जो मांगने से भी ना मिलती
यहां हक़ से वो पाई जाती है
बैठा के सामने बाबा को
हर बात बताई जाती है
खाटू में जब जब ग्यारस की।।


खाटू में जब जब ग्यारस की
शुभ रात जगाई जाती है
बैठा के सामने बाबा को
हर बात बताई जाती है
खाटू में जब जब ग्यारस की।।















khatu me jab jab gyaras ki shubhrat jagai jati hai lyrics