खाटू में बैठी जो सरकार है सुनता हूँ दिनों की आधार है लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










खाटू में बैठी जो सरकार है
सुनता हूँ दिनों की आधार है।।
तर्ज साजन मेरा उस पार है।


पैसों का जोर यहां ना चलता है
सच्चे प्रेमी को सांवरा मिलता है
सेठों का तोड़ता अहंकार है
दर पर दीवानों की बहार है
खाटु में बैठी जो सरकार है
सुनता हूँ दिनों की आधार है।।


जिसको नशा है श्याम की यारी का
उसको क्या मतलब दुनियादारी का
जग कि फिर उसको क्या दरकार है
रिश्तों से सच्चा इसका प्यार है
खाटु में बैठी जो सरकार है
सुनता हूँ दिनों की आधार है।।









सुनता हूं लाखो पापी तारे हैं
दिन और दुखियों के श्याम सहारे हैं
हारो को मिलता तेरा प्यार है
दीपक भी करता है इंतजार है
खाटु में बैठी जो सरकार है
सुनता हूँ दिनों की आधार है।।


खाटू में बैठी जो सरकार है
सुनता हूँ दिनों की आधार है।।
गायक एवं प्रेषक
अजय कुमार शर्मा दिपक
७९७९९२९९५४










khatu me baithi sarkar hai lyrics