खाटू की बारस हमें आज तक याद है भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










खाटू की बारस हमें
आज तक याद है
अभी तक मुंह में
दाल चूरमें का स्वाद है।।


पेटी और नगाड़े संग बजती धमाल थी
भक्तों की होती जुगलबंदी कमाल थी
भजनों से सुनता बाबा सबकी फरियाद है
अभी तक मुंह में
दाल चूरमें का स्वाद है।।


भक्तों के हाथों में जब मोर छड़ी घूमती
दीन दुखियों के सर प्रेम से है चूमती
कई प्रेमियो के घर झाड़े से आबाद हैं
अभी तक मुंह में
दाल चूरमें का स्वाद है।।


बारस की जात दे के होती जब विदाई थी
श्याम से बिछड़ के रोमी आती रुलाई थी
पूरी होती देखी घर पे आते ही मुराद है
अभी तक मुंह में
दाल चूरमें का स्वाद है।।









खाटू की बारस हमें
आज तक याद है
अभी तक मुंह में
दाल चूरमें का स्वाद है।।
गायक लेखक रोमी जी।
भजन प्रेषक प्रदीप सिंघल।

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khatu ki baras hame aaj tak yaad hai lyrics