खाइके भांग धतूरे का गोला हो जाये मस्त शिव शंकर भोला - MadhurBhajans मधुर भजन










खाइके भांग धतूरे का गोला
हो जाये मस्त शिव शंकर भोला।
तर्ज खाइके पान बनारस वाला
श्लोक
अरे भस्मी अंग अंग रमाकर
फिर लिया धूणा लगाय।
भंग के प्याले भर भर गटके मस्त मग्न हो जाय॥
भजन
खाइके भांग धतूरे का गोला
हो जाये मस्त शिव शंकर भोला।
फिर तो ऐसा करे कमाल
भक्तोँ को करदे मालामाल
भोला गंगा को लाने वाला॥
भोला खाइके भांग ।
छेड़ी असुरोँ ने लड़ाई
देव सब मुश्किल मेँ पङ गएहाय3
सारे दौड़ के गये
चरणोँ मेँ शम्भु के पड़ गएहाय3
बचाओ हे बाबा भोले जगत के रखवाले
तेरे बिना तो बचे न हम आज॥१॥
भोला खाइके भांग
असुर मार गिराये
शंकर ने रूप गजब के धर लिएजय हो3
मंथन करके सागर का
जहर खुद ही पी गएजय हो3
कैसे भोले भाले हलाहल पीने वाले
आये संकट कोई तो पल मेँ ये टाले
बोले सब देव जै जयकार॥२॥
भोला खाइके भांग







जान सके ना तेरी माया
मुनिजन पचपच के थक गएजय हो3
तेरी भक्ति के ताप से
पापी नर भी तर जाएजय हो3
हे भोले भण्डारी शम्भु त्रिपुरारी
खेदड़ भी आया है शरण तुम्हारी
करो कृपा तो हो जायेँ निहाल॥३॥
भोला खाइके भांग
खाइके भांग धतूरे का गोला
हो जाये मस्त शिव शंकर भोला।
फिर तो ऐसा करे कमाल
भक्तोँ को करदे मालामाल
भोला गंगा को लाने वाला॥
भोला खाइके भांग








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