केड़ा है नुगरो रा रे सेलान धारू रे वीरा भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
केड़ा है नुगरो रा रे सेलान
दोहा नुगरा नर तो माति मिलो
और पापी मिलो हजार
संत मिला के जगत में
वो जावे भाव सु पार।
केड़ा है नुगरो रा रे सेलान
धारू रे वीरा
केड़ा रे सेलाने हमी नुगरो ओलखो
गुरु म्हारा जीवलो रे।।
लाम्बा है नुगरा ने वाला बाल
बाई ये रूपा
खड़ाऊ बान्धे नुगरो पोथियों
गुरु म्हारा जीवलो
नुगरो रे नितरा है अनोखा वेश
बाई ये रूपा
चालन्तो छाया नरखो आपरी
गुरु म्हारा जीवलो रे।।
उभा है पिनघटये वाली पाल
बाई ये रूपा
नार पराई ओथो निरखे घणी
गुरु म्हारा जीवलो
बैठा है पंचोे वालो बिच
बाई ये रूपा
सत री वातो एतो काटे घणी
गुरु म्हारा जीवलो रे।।
देवे है दुझा ने उपदेश
बाई ये रूपा
घट रे भीतर एतो खोजे नही
गुरु म्हारा जीवलो
शिमरू सायब वालो नाम
बाई ये रूपा
सिवरे जनोरो सायबो भेलो रेवे
गुरु म्हारा जीवलो रे।।
केड़ा है नुगरो रा रे सेलान
धारू रे वीरा
केड़ा रे सेलाने हमी नुगरो ओलखो
गुरु म्हारा जीवलो रे।।
भजन प्रेषक श्रवण सिंह राजपुरोहित।
सम्पर्क 91 90965 58244
keda hai nugaro ra sailan rajasthani bhajan lyrics