ये मिलते नहीं दोबारा रे करो मात पिता की सेवा भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
ये मिलते नहीं दोबारा रे
करो मात पिता की सेवा।।
तर्ज बता मेरे यार सुदामा रे।
मात पिता हो रूप हरी का
मात पिता हो रूप हरी का
पार तिरण का एक तरीका
पार तिरण का एक तरीका
यूँ वेद पुराण पुकारया रे
करो मात पिता की सेवा।
ये मिलते नहीं दौबारा रे
करो मात पिता की सेवा।।
है जिंदगानी बस दस दिन की
है जिंदगानी बस दस दिन की
कदर करे ना जो नर इनकी
कदर करे ना जो नर इनकी
वो फिरता मारा मारा रे
करो मात पिता की सेवा।
ये मिलते नहीं दौबारा रे
करो मात पिता की सेवा।।
जितने तीरथ दुनिया भर में
जितने तीरथ दुनिया भर में
सबके सब हो अपने घर में
सबके सब हो अपने घर में
बहे आनंद गंग धारा रे
करो मात पिता की सेवा।
ये मिलते नहीं दौबारा रे
करो मात पिता की सेवा।।
रामधन जे चावे सुख न्यारा
रामधन जे चावे सुख न्यारा
रहिये मात पिता का प्यारा
रहिये मात पिता का प्यारा
ये मिट जा दुखड़ा सारा रे
करो मात पिता की सेवा।
ये मिलते नहीं दोबारा रे
करो मात पिता की सेवा
करो मात पिता की सेवा।।
karo maat pita ki seva lyrics