कर भले ही तू जगत में प्राणी सब करम छूटे ना भजन - MadhurBhajans मधुर भजन
कर भले ही तू जगत में
प्राणी सब करम
छूटे ना भजन
कभी छूट ना भजन।।
तर्ज करवटे बदलते रहे सारी रात।
आएँगी अड़चन बहुत ही
राह मे बँन्दे तेरी
चलते ही रहना तू प्राणी
दूर है मँजिल तेरी
तू सँभल कर रखना प्राणी
जग मे अपना हर कदम
तू कही जाना नही
जाए तो जाए मन
छूटे ना भजन
कभी छूट ना भजन।।
काम तो सब ही तू करना
ध्यान साँसो का रहै
सबकी सुनना पर वो करना
जो मेरे सतगुरू कहे
देख तू बिसरा न देना
प्राणी सँतो के बचन
एक न एक दिन करेगे
सतगुरू करम
छूटे ना भजन
कभी छूट ना भजन।।
नाम भजने से तेरे
सँकट सभी कट जाएगे
नाम की महिमा से भव
बँधन भी सभी कट जाएँगे
जग भले रूठे तो रूठे
छूटे न सतगुरू शरण
आजा सतगुरु की शरण
मिट जाए सब भरम
छूटे ना भजन
कभी छूट ना भजन।।
कर भले ही तू जगत में
प्राणी सब करम
छूटे ना भजन
कभी छूट ना भजन।।
भजन लेखक एवं प्रेषक
श्री शिवनारायण वर्मा
मोबान8818932923
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kar bhale hi tu jagat me prani sab karam lyrics