कन्हैया कन्हैया तेरे दर आये हैं भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
कन्हैया कन्हैया तेरे दर आये हैं
दर पे तेरे झोली फैलाये हैं।।
गोकुल में यशुदा का प्यारा बना
अवध में तूँ दशरथ दुलारा बना
वेद ग्रन्थों ने प्रभु तेरे गुण गाये
दर में तेरे झोली फैलाये हैं।।
ब्रज में तूँ बंशी बजैया बना
अवध में तूँ धनुषर धरैया बना
बन के नरसिंह प्रह्लाद अपनाये हैं
दर पे तेरे झोली फैलाये हैं।।
धनुष बाण में किसी को दर्शन दिया
कभी मुरली तूने सुदर्शन लिया
गीध गणिका अजामील अपनाये हैं
दर पे तेरे झोली फैलाये हैं।।
लंका में रावण को मारा तूने
मथुरा में कंश पछाड़ा तूने
तेरे हर रूप के राजेन्द्र गुण गाये हैं
दर पे तेरे झोली फैलाये हैं।।
कन्हैया कन्हैया तेरे दर आये हैं
दर पे तेरे झोली फैलाये हैं।।
गीतकार गायक राजेन्द्र प्रसाद सोनी।
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kanhaiya kanhaiya tere dar aaye hai lyrics