कन्हैया एक नजर जो आज तुझको देखता होगा भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
कन्हैया एक नजर जो
आज तुझको देखता होगा
मेरे सरकार को किसने
सजाया सोचता होगा
कन्हैया एक नजर जो।।
तर्ज भलाई कर भला होगा।
सजा कर खुद वो हैरान है
की ये तस्वीर किसकी है
सजाया तुझको जिसने भी
हसी तक़दीर उसकी है
कभी खुश हो रहा होगा
ख़ुशी से रो रहा होगा।
कन्हैया इक नजर जो
आज तुझको देखता होगा
मेरे सरकार को किसने
सजाया सोचता होगा
कन्हैया एक नजर जो।।
ज़माने भरके फूलो से
कन्हैंया को लपेटा है
कली को गुथ कर कितने
ही गजरो में समेटा है
सजा सिंगार ना पहले
ना कोई दूसरा होगा।
कन्हैया इक नजर जो
आज तुझको देखता होगा
मेरे सरकार को किसने
सजाया सोचता होगा
कन्हैया एक नजर जो।।
फ़रिश्ते भी तुझे छुप छुप
के कान्हा देखते होगे
तेरी तस्वीर में खुद की
झलक वो देखते होंगे
हर्ष के दिल पे जो गुजरी
ये वो ही जानता होगा।
कन्हैया इक नजर जो
आज तुझको देखता होगा
मेरे सरकार को किसने
सजाया सोचता होगा
कन्हैया एक नजर जो।।
कन्हैया एक नजर जो
आज तुझको देखता होगा
मेरे सरकार को किसने
सजाया सोचता होगा
कन्हैया एक नजर जो।।
kanhaiya ek nazar jo aaj tujhko dekhta hoga lyrics