कान्हा तुमसे लगन जो लगी जमाना मैं भुला बैठा भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










मेरे मन में कान्हा
ह्रदय की धुन में कान्हा
और जीवन में कान्हा क्या कहें
भक्त सा मेरा मन
हो गया है अर्पण
अब तुम ही हो जीवन क्या कहें
कान्हा तुमसे लगन जो लगी
जमाना मैं भुला बैठा
तुम्हारे प्रेम की धारा
में जीवन ये लगा बैठा।।
तर्ज हमें पूछो क्या होता है।


तेरे दीदार को मोहन
मेरी अखियां तरस ही गई
चले आओ मेरे कान्हा
उमर मेरी गुज़र ही रही
मेरे केशव अब आ जाओ
ह्रदय मेरा पुकारे तुम्हे
अरज़ इतनी तो सुनलो मेरी
ये तन मन सब तेरे नाम किये।।


तेरी बंसी की धुन सुनके
गोपियाँ दौड़ी आती है
तुझे माखन खिलाने को
कितना स्नेह जताती है
तेरी लीला है इतनी मोहक
कि ब्रज सारा यूँ खो सा गया
तेरे चरणों कि रज पाकर
कि मथुरा भी यूँ झूम उठा।।









सांवरे तेरे दर्शन कि
ये अँखियाँ तो दीवानी है
ये तेरा प्रेम है सांसें
ये मेरी ज़िंदगानी है
मेरे जीवन कि इस नैया
का अब तो तू किनारा है
तेरे संसार में मोहन
मेरा इक तू सहारा है।।


मेरे मन में कान्हा
ह्रदय की धुन में कान्हा
और जीवन में कान्हा क्या कहें
भक्त सा मेरा मन
हो गया है अर्पण
अब तुम ही हो जीवन क्या कहें
कान्हा तुमसे लगन जो लगी
जमाना मैं भुला बैठा
तुम्हारे प्रेम की धारा
में जीवन ये लगा बैठा।।












kanha tumse lagan jo lagi zamana main bhula baitha lyrics