कान्हा तुझसे ही प्रीत लगाई रे भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
कान्हा तुझसे ही
प्रीत लगाई रे।
दोहा नजर के सामने
रहते हो कान्हा
दिल की धडकन में
बसते हो कान्हा
कैसे भुलाऊ तुमको
तुम तो हर अहसास में
रहते हो कान्हा।
कान्हा तुझसे ही
प्रीत लगाई रे
हाँ लगाई रे
मैंने तुझपे ही
जिन्दगी लुटाई रे
हाँ लुटाई रे।।
रंग ली तेरे रंग में चुनरिया
तेरे प्रेम में हुई बाबरिया
अब आजा तू
हो अब आजा तू
अब आजा तू
मेरे कन्हाई रे
हाँ कन्हाई रे
कान्हा तुझ संग
प्रीत लगाई रे
हाँ लगाई रे।।
तूने बजाई मधुर मुरलिया
पागल हो गई सब ग्वालिनिया
सब छोड़ के
हाँ सब छोड़ के
सब छोड़ के
तेरे पास आई रे
हा आई रे
कान्हा तुझ संग
प्रीत लगाई रे
हाँ लगाई रे।।
जीवन नैया तेरे हवाले
पार लगा दे चाहे डूबा दे
तेरी मर्जी में
हाँ तेरी मर्जी में
तेरी मर्जी में
मेरी रजाई रे
हाँ रजाई रे
कान्हा तुझ संग
प्रीत लगाई रे
हाँ लगाई रे।।
सांवरी सुरतिया मेरे मन भायी
चरणों में कौशिक ने अर्जी लगाई
तेरा नाम
तेरा नाम
तेरा नाम बड़ा सुखदाई रे
कान्हा तुझ संग
प्रीत लगाई रे
हाँ लगाई रे।।
कान्हा तुझसे ही
प्रीत लगाई रे
हाँ लगाई रे
मैंने तुझपे ही
जिन्दगी लुटाई रे
हाँ लुटाई रे।।
गायक श्री पीयूष कौशिक जी।
8058941300
kanha tujhse hi preet lagayi re lyrics