कान्हा कैसो रूप बनायो रे भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
कान्हा कैसो रूप बनायो रे
बन मनिहारी राधा जी से
मिलने आयो रे
मिलने आयो रे सांवरो
मिलने आयो रे
कान्हा कैसो रूप बनायों रे
बन मनिहारी राधा जी से
मिलने आयो रे।।
तर्ज ढोला ढोल मंजीरा।
गली गली में हेला मारे
मथुरा को सरदार
प्रेम दीवानों बन बेचे जी
चुडला लखदातार
ओ कान्हा कैसो गजब यो ढायो रे
बन मनिहारी राधा जी से
मिलने आयो रे
कान्हा कैसो रूप बनायों रे।।
सोहनो सो एक छांट के चुडलो
बोली राधा प्यारी
घणी जतन सू हाथा माहि
पेरा दे मनिहारी
कान्हा मन ही मन मुस्कायो रे
बन मनिहारी राधा जी से
मिलने आयो रे
कान्हा कैसो रूप बनायों रे।।
पूछन लागी दाम बता जद
मुलक्या कृष्ण कन्हाई
हर्ष तेरे से दाम क्या लेस्यु
झांक ले आंख्या माहि
जुल्मी कैसो भेष बनायो रे
बन मनिहारी राधा जी से
मिलने आयो रे
कान्हा कैसो रूप बनायों रे।।
कान्हा कैसो रूप बनायो रे
बन मनिहारी राधा जी से
मिलने आयो रे
मिलने आयो रे सांवरो
मिलने आयो रे
कान्हा कैसो रूप बनायों रे
बन मनिहारी राधा जी से
मिलने आयो रे।।
kanha kaiso roop banayo re lyrics