कान्हा अब साथ निभाओ विपदा है आन बचाओ भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
कान्हा अब साथ निभाओ
विपदा है आन बचाओ
हम सेवक श्याम तुम्हारे
हमको ना यू बिसराओ
के आ जाओ तुम्हारा कीर्तन है
भक्तों का निवेदन निवेदन है
के आ जाओ तुम्हारा कीर्तन है
भक्तों का निवेदन निवेदन है।।
तर्ज सूरज कब दूर गगन से।
तेरे दर्शन के प्यासे
मेरे दो नैना चंचल
तेरी राह तके सांवरिया
ये नीर बहाये पल पल
अब तुम ही इन्हे समझाओ
अपना घर इन्हें बनाओ
हम सेवक श्याम तुम्हारे
हमको ना यू बिसराओ
के आ जाओ तुम्हारा कीर्तन है
भक्तों का निवेदन निवेदन है
के आ जाओ तुम्हारा कीर्तन है
भक्तों का निवेदन निवेदन है।।
इस पागल दिल की कान्हा
अब क्या मैं तुम्हें बतलाऊं
नहीं माने दिल दीवाना
कैसे दिल को समझाऊं
अब तुम ही इन्हे समझाओ
अपना घर इन्हें बनाओ
हम सेवक श्याम तुम्हारे
हमको ना यू बिसराओ
के आ जाओ तुम्हारा कीर्तन है
भक्तों का निवेदन निवेदन है
के आ जाओ तुम्हारा कीर्तन है
भक्तों का निवेदन निवेदन है।।
अपने भक्तों की खातिर
ये क्या क्या खेल रचाते
कभी नरसिंह रूप दिखाते
कभी राम रूप में आते
कीर्तन में कान्हा आए
भक्तों ने दर्शन पाए
तब प्यास बुझी नैनों की
हर दिल में श्याम समाये
के आते हैं श्याम तो आते हैं
दिल से जो बुलाते हैं
के आते हैं श्याम तो आते हैं
दिल से जो बुलाते हैं।।
कान्हा अब साथ निभाओ
विपदा है आन बचाओ
हम सेवक श्याम तुम्हारे
हमको ना यू बिसराओ
के आ जाओ तुम्हारा कीर्तन है
भक्तों का निवेदन निवेदन है
के आ जाओ तुम्हारा कीर्तन है
भक्तों का निवेदन निवेदन है।।
स्वर प्रदीप शर्मा।
kanha ab sath nibhao vipda hai aan bachao lyrics