कान्हा आजा गोकुल माई मारो मन घणो घबरावे - MadhurBhajans मधुर भजन
कान्हा आजा गोकुल माई
मारो मन घणो घबरावे
मन घणो घबरावे मारो
दिल घणो घबरावे रे
कान्हा आजा गोकुल माहि
मारो मन घणो घबरावे।।
नींद नहीं आवे माने
चैन नहीं आवे रे
मोहना आजा गोकुल माय
मारो मन गणो घबरावे।।
आप रे कारणिये मोहन
घरु बेर किना रे
वृन्दावन आजा आज
मारो मन गणो गबरावे।।
माखन खायो कान्हा
थे मटकिया फोड़ रे
थाने मारे यशोदा माय
मारो मना गणों घबरावे।।
धरम तंवर थाने विनती करिया रे
ओ कान्हा बेगो बेगो आव
मारो जीवड़लो हरसावे।।
कान्हा आजा गोकुल माई
मारो मन घणो घबरावे
मन घणो घबरावे मारो
दिल घणो घबरावे रे
कान्हा आजा गोकुल माहि
मारो मन घणो घबरावे।।
गायक और लेखक धर्मेंद्र तंवर।
9829202569
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