अरे कालवी काठेरी रे जाल चान्दा कालवी काठेरी रे जाल - MadhurBhajans मधुर भजन










अरे कालवी काठेरी रे
जाल चान्दा कालवी काठेरी रे जाल
आंगनो भोंगे मारे हडबी काच रो रे हा
अरे कोनी मारे घोडी रो दोष पाबू
कोनी मारे घोडी रो दोष
आ देवल कुके है गढ रे काकडे रे हा।।


अरे तीन फेरा चवरी रे माय पाबू रा
तीन फेरा चवरी रे माय
चौथा फेरा मे पल्ला बाडीया रे हा।।


अरे कोई रे देखीयो सोढी माय
चूक बेनोयसा कोई देखीयो
मारी बहना माय चूक
किन रे कामा सु पल्ला बाडीया रे हा।।


अरे कोनी थारी बहना माय चूक
हालाजी कोनी थारी सोढी माई चूक
आ देवल कूके है गढ रे काकडे रे हा।।









अरे चालो परा महलो रे माय बेनोईसा
हालो परा महलो रे ओ माय
कंकुम अंतर रा देवो छोटना रे हा।।


अरे हाला झेली घोडी री लगाम
पाबू रा हाला झेली घोडी री लगाम
हालीया बरूमे पग रे पागडे रे हा।।


अरे घोडी खेले आकाशो रे माय
पाबू री घोडी खेले आकाशो रे माय
चान्दीयो उरलावे गढ रे काकडे रे हा।।


अरे क्षत्रिय वंश रे वेले रे आव भवानी
क्षत्रिय वंश रे वेले रे आव
पाबू रे आईजो रे पगा रे पागडे रे हा।।


अरे सिवरू सुन्धा ओ राय भवानी
सिवरू सुन्धा ओ राय
भारत मे सिवरू ये भवानी
कालीका रे मां।।


अरे कालवी काठेरी रे
जाल चान्दा कालवी काठेरी रे जाल
आंगनो भोंगे मारे हडबी काच रो रे हा
अरे कोनी मारे घोडी रो दोष पाबू
कोनी मारे घोडी रो दोष
आ देवल कुके है गढ रे काकडे रे हा।।
गायक महेंद्र सिंह जी राठौर।
प्रेषक मनीष सीरवी
9640557818










kalvi katheri re jaal lyrics