कलजल कलपे गौ कालजो करे है विनय करतार - MadhurBhajans मधुर भजन










कलजल कलपे गौ कालजो
करे है विनय करतार
कानूडा कईया गाया ने भूल्यो रे
गोपाला कईया गाया ने भूल्यो रे
द्वापर युग माही साथ रयो
अब क्यु नही सुनो थे पुकार
प्रतिपाला भूखी गाया क्यु भूल्यो रे
नन्दलाला कैया गाया ने भूल्यो रे।।


गोचर ओरण भूमि दाबली
गई रे मिनखा री मति मार
कानूडा थारी गाया क्यु भूल्यो रे
नन्दलाला भूखी गाया क्यु भूल्यो रे
अरे चरती गाया रो पाडे चामडो
मगरा मे मारे लठ्ठ मार
दयालु कैया गाया ने भूल्यो रे
गोपाला भूखी गाया क्यु भूल्यो रे।।


अरे भूखी ने तिरसी घूमे भोम पे
निरणी रेवे है निराधारा
कानूडा थारी गाया ने भूल्यो रे
नन्दलाला भूखी गाया क्यु भूल्यो रे
अरे सडे है गोदामा अन्न खाखलो
लोभी उडीके लेवन भाव
बनवारी कैया गाया ने भूल्यो रे
जगदीशा भूखी गाया क्यु भूल्यो रे।।


गाया रे चारा ने चरगो मानखो
आंसूडा ढलकावे बैठी आज
कानूडा थारी गाया क्यु भूल्यो रे
नन्दलाला भूखी गाया ने क्यु भूल्यो रे
अरे रहगा गाया री काया हाडका
गौ वंश मिटण कगार
दामोदर कैया गाया ने भूल्यो रे
माधव भूखी गाया क्यु भूल्यो रे।।









कलजल कलपे गौ कालजो
करे है विनय करतार
कानूडा कईया गाया ने भूल्यो रे
गोपाला कईया गाया ने भूल्यो रे
द्वापर युग माही साथ रयो
अब क्यु नही सुनो थे पुकार
प्रतिपाला भूखी गाया क्यु भूल्यो रे
नन्दलाला कैया गाया ने भूल्यो रे।।
गायक प्रकाश माली जी।
प्रेषक मनीष सीरवी।
रायपुर जिला पाली राजस्थान
9640557818










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