कलाई पकड़ ले पकड़ता ना कोई श्याम भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
कलाई पकड़ ले पकड़ता ना कोई
पकड़ता ना कोई
तेरे दर पे आके मेरी आँख रोई
मेरी आँख रोई
कलाई पकड़ ले पकडता ना कोई
पकड़ता ना कोई।।
तर्ज मोहब्बत की झूठी कहानी पे।
जिनको भी दिल के दुखड़े सुनाए
वही मेरे अपने हुए सब पराए
तेरी आस की मैने माला पिरोइ
कलाई पकड़ ले पकडता ना कोई
पकड़ता ना कोई।।
बड़ी है मुसीबत बताया ना जाए
अब बोझ दुःख का उठाया ना जाए
गमे आँसु से तेरी चौखट भिगोई
कलाई पकड़ ले पकडता ना कोई
पकड़ता ना कोई।।
अगर है दयालु दया अब दिखादे
तेरे हर्ष की रोती आँखे हसा दे
सिवा तेरे दुनिया में दूजा ना कोई
कलाई पकड़ ले पकडता ना कोई
पकड़ता ना कोई।।
कलाई पकड़ ले पकड़ता ना कोई
पकड़ता ना कोई
तेरे दर पे आके मेरी आँख रोई
मेरी आँख रोई
कलाई पकड़ ले पकडता ना कोई
पकड़ता ना कोई।।
स्वर संजय मित्तल जी।
kalai pakad le pakadta na koi lyrics