कइसे परिछी हम तोह के गँवार दुलहा लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
कइसन अशुभ अमंगल
भेष बा तोहार दुलहा
कइसे परिछी हम
तोह के गँवार दुलहा।।
सिर पर जटा हाथ तिरशूल
बदन में असमशान के धूल
गले नगवा करेला फुफकार दुलहा
कइसे परिछीं हम
तोह के गँवार दुलहा।।
नन्दी भृंगी साथ विराजत
संग में भुत बैताल बा नाचत
नाचत घुटने पर देइ देइ के ताल दुलहा
कइसे परिछीं हम
तोह के गँवार दुलहा।।
अइसन बर के गौरा न देहब
चाहे जहर खाई हम लेहब
भले गौरा रहिहें कुआँर दुलहा
कइसे परिछीं हम
तोह के गँवार दुलहा।।
नारद के हम काइ बिगड़नी
कइलन हमसे अइसन करनी
नारद गौरा के खोजलें बउराह दुलहा
कइसे परिछीं हम
तोह के गँवार दुलहा।।
सुनि के सास बचन त्रिपुरारी
धइलन सुंदर रूप सवाँरी
तोहार महिमा बा
अगम अपार दुलहा
तोहार अशुभ भेष भी
मंगल के भंडार दुलहा
चल परिछीं हम
तोहके लबार दुलहा।।
कइसन अशुभ अमंगल
भेष बा तोहार दुलहा
कइसे परिछी हम
तोह के गँवार दुलहा।।
गायक मनोज कुमार खरे।
रचनाकार ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र।
kaise parichi hum toh ke gavar dulha lyrics