कैसे मैं शुक्र करूँ मेरे भोले भंडारी भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
गुणगान सुबह शाम करूँ
मैं ध्यान धरूँ तेरा
तू मेरा है मैं तेरा हूँ
और कुछ भी नहीं मेरा
किमस्त संवर गई मेरी
तूने ऐसी नज़र डाली
कैसे मैं शुक्र करूँ
मेरे भोले भंडारी।।
और मांगू नहीं कुछ भी
बस मांगू तेरी भक्ति
चरणों से लगाकर रखना
बस करूँ यही विनती
मुझे अपना बना लो ऐसे
चरणों का फूल हूँ जैसे
सदा साथ तुम्हारे रखना
नंदी रहते है जैसे
भक्ति में उम्र गुजारूंगा
जैसे नंदी ने गुजारी
कैसे मैं शुक्र करूं
मेरे भोले भंडारी।।
मेरी आँखों ने देखे
बाबा जो भी सपने
मेरे सोचने से पहले ही
वो तुमने पुरे किये
पाया ना खुद को अकेला
संग मेरे भक्तो का मेला
हर कष्ट मिटा देता है
बाबा महाकाल शिव भोला
कुछ और कहा नहीं जाए
जाऊं तुझपे मैं बलिहारी
कैसे मैं शुक्र करूं
मेरे भोले भंडारी।।
गुणगान सुबह शाम करूँ
मैं ध्यान धरूँ तेरा
तू मेरा है मैं तेरा हूँ
और कुछ भी नहीं मेरा
किमस्त संवर गई मेरी
तूने ऐसी नज़र डाली
कैसे मैं शुक्र करूँ
मेरे भोले भंडारी।।
गायक किशन भगत।
kaise main shukar karu mere bhole bhandari lyrics