कैसे मैं भूलूँ एहसान तेरा श्याम भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










मैं हारा हुआ था तूने जिताया
देके सहारा मुझे अपना बनाया
खुशियों से दामन भर दिया मेरा
कैसे मैं भूलूँ एहसान तेरा
हर पल तू रहता है पकडे हाथ मेरा
कैसे मैं भूलूं एहसान तेरा।।
तर्ज हमें और जीने की।


फर्श से उठा कर अर्श पे बिठाया
हारे का साथी है तो ये सच कर दिखाया
दिल से कहूं मैं तू साथी है मेरा
कैसे मैं भूलूं एहसान तेरा
हर पल तू रहता है पकडे हाथ मेरा
कैसे मैं भूलूं एहसान तेरा।।


अर्जी को मेरी स्वीकार करना
मुझे श्याम चरणों से दूर नहीं करना
हर ग्यारस पे खाटू अब आना है मेरा
कैसे मैं भूलूं एहसान तेरा
हर पल तू रहता है पकडे हाथ मेरा
कैसे मैं भूलूं एहसान तेरा।।









मैं हारा हुआ था तूने जिताया
देके सहारा मुझे अपना बनाया
खुशियों से दामन भर दिया मेरा
कैसे मैं भूलूँ एहसान तेरा
हर पल तू रहता है पकडे हाथ मेरा
कैसे मैं भूलूं एहसान तेरा।।












kaise main bhulu ehsaan tera bhajan lyrics