कैसे दर आऊं मैं तेरे दरश पाने को शिव भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










कैसे दर आऊं
मैं तेरे दरश पाने को
हे शिव शंकर दर्शन दे दो
अपने दीवाने को
हे शिव शंकर दर्शन दे दो
अपने दीवाने को।।
तर्ज कोई पत्थर से ना।


जिसको भी चाहो तुम
दर पे बुलाते बाबा
मुझ अभागे को क्यों तुम
हो सताते बाबा
मुझे दर पे बुला लो
गले अपने लगा लो
मेरी सच्ची है भक्ति
जो चाहे आजमा लो
छोड़ के आऊंगा मैं
छोड़ के आऊंगा मैं
सारे इस ज़माने को
हे शिव शंकर दर्शन दे दो
अपने दीवाने को।।


मेरे कर्मो की सजा है जो
दरश पा ना सका
तेरे दरबार मेरे बाबा
मैं जो आ ना सका
मेरे पापों को हे शिव
ना दिल से यूँ लगाओ
मुझे भी दे दो माफ़ी
दरश अपने कराओ
मन में है मूरत तेरी
मन में है मूरत तेरी
आऊंगा सजाने को
हे शिव शंकर दर्शन दे दो
अपने दीवाने को।।









दर तेरे बाबा मैं
क्या ले करके आऊंगा
तू तो दानी है तुझको
क्या मैं चढ़ाऊंगा
पास श्रद्धा है मेरे
जो लेके दर पे आऊं
अपनी भक्ति के बाबा
फुल तुझको चढाऊं
रूठे है बाबा
रूठे है बाबा
आऊंगा मैं मनाने को


हे शिव शंकर दर्शन दे दो
अपने दीवाने को।।


कैसे दर आऊं
मैं तेरे दरश पाने को
हे शिव शंकर दर्शन दे दो
अपने दीवाने को
हे शिव शंकर दर्शन दे दो
अपने दीवाने को।।












kaise dar aau main tere darash pane ko lyrics