कैसे भूलूँ सांवरे मैं तेरा उपकार भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










कैसे भूलूँ सांवरे मैं तेरा उपकार
ऋणी रहेगा तेरा
ऋणी रहेगा तेरा हरदम मेरा परिवार
कैसे भूलूं साँवरे मैं तेरा उपकार
कैसे भूलूं साँवरे मैं तेरा उपकार।।
तर्ज देना हो तो दीजिये।


घूम रही आँखों के आगे
बीते कल की तस्वीरें
नाकामी और मायूसी
संगी साथी थे मेरे
दर दर भटक रहा था
दर दर भटक रहा था
मैं बेबस और लाचार
कैसे भूलूं साँवरे मैं तेरा उपकार
कैसे भूलूं साँवरे मैं तेरा उपकार।।


यकीं हो गया आज मुझे
दुनिया वालो की बातों पे
सुना था मैंने अबतक जो
वो देखा है इन आँखों से
तुमसे ना दयालु कोई
तुमसे ना दयालु कोई
है ना कोई दातार
कैसे भूलूं साँवरे मैं तेरा उपकार
कैसे भूलूं साँवरे मैं तेरा उपकार।।









बोझ तेरे अहसानो का
सोनू पर इतना ज्यादा है
कम करने की कोशिश में ये
और भी बढ़ता जाता है
उतर ना पाए कर्जा
कभी उतर ना पाए कर्जा
चाहे लूँ जन्म हजार
कैसे भूलूं साँवरे मैं तेरा उपकार
कैसे भूलूं साँवरे मैं तेरा उपकार।।


कैसे भूलूँ सांवरे मैं तेरा उपकार
ऋणी रहेगा तेरा
ऋणी रहेगा तेरा हरदम मेरा परिवार
कैसे भूलूं साँवरे मैं तेरा उपकार
कैसे भूलूं साँवरे मैं तेरा उपकार।।
स्वर सौरभ मधुकर।










kaise bhulu saware main tera upkar lyrics