कैसे बैठा रे आलस में मुख से राम कह्यो न जाये - MadhurBhajans मधुर भजन
कैसे बैठा रे आलस में
मुख से राम कह्यो न जाये
तोसे श्याम कह्यो न जाये।।
भोर भये मल मल मुख धोये
दिन चढ़ते ही उदर टटोये
बातन बातन सब दिन खायो
साँझ भई पलना में सोए
सोवत सोवत उम्र बीत गयीं
काल शीश मंडराए रे
तोसे राम कह्यो न जाये
तोसे श्याम कह्यो न जाये।।
लख चौरासी में में भटक्यो
बड़े भाग्य मानुष तन पायो
अबकी भूल न जाना भाई
लुट न जाये फिर ये कमाई
राधेश्याम समय फिर ऐसो
बार बार नही आये रे
तोसे राम कह्यो न जाये
तोसे श्याम कह्यो न जाये।।
कैसे बैठा रे आलस में
मुख से राम कह्यो न जाये
तोसे श्याम कह्यो न जाये।।
गायक प्रेषक राजेन्द्र प्रसाद सोनी।
8839262340
kaise baitha re aalas me mukh se ram kahyo na jaye lyrics