कैसा सजा दरबार है खाटू वाले का इंतज़ार है भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
कैसा सजा दरबार है
खाटू वाले का इंतज़ार है।।
तर्ज साजन मेरा उस पार है।
लेकर के मोरछड़ी वो आएगा
खाली झोलीयाँ भर जाएगा
सेठो का सेठ साहूकार है
खाटू वाले का इंतज़ार है
कैसा सजा दरबार हैं
खाटू वाले का इंतज़ार है।।
प्रेमी तो आस लगाए बैठे है
दिल में बाबा को बसाए बैठे है
कश्ती का वो ही खेवनहार है
खाटू वाले का इंतज़ार है
कैसा सजा दरबार हैं
खाटू वाले का इंतज़ार है।।
हस हस के चाहे उसको याद करो
आँखे भरके चाहे फरियाद करो
ना कोई परदा ना दीवार है
खाटू वाले का इंतज़ार है
कैसा सजा दरबार हैं
खाटू वाले का इंतज़ार है।।
भक्तो का इम्तेहान नही लेगा
कमियों पर बाबा ध्यान नही देगा
सुंदरलाल को एतबार है
खाटू वाले का इंतज़ार है
कैसा सजा दरबार हैं
खाटू वाले का इंतज़ार है।।
कैसा सजा दरबार है
खाटू वाले का इंतज़ार है।।
गायक सुन्दर लाल जी त्यागी।
kaisa saja darbar hai khatu wale ka intezaar hai lyrics