कैलाशपुरी में शंकर जागा नंदीसर के असवारा लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










कैलाशपुरी में शंकर जागा
दोहा पो फाटी पगड़ो भयो र
जागी जिया जूण
चोंच पराणे देत हैं
सबको दाता चूण।
सांझ भये दिन आतवे
चकवी दीनों रोय
चल चकवा उण देश में
जहां रेण दिवस नहीं होय।
सांझ की बिछड़ी चकवी
आय मिले प्रभात
जो जन बिछड़े हरि नाम से
दिवस मिले नहीं रात।


कैलाशपुरी में शंकर जागा
नंदीसर के असवारा
जटा मुकुट में गंगा खलके
पार्वता के हैं प्यारा
सुरसत माय शारदा ने सिंवरू
गणपत सिंवरू सुंडाला
पौ फाटी प्रभात भयो हैं
उठो कँवर फेरो माळा।।


ब्रह्मा रे जागा विष्णु जागा
जागा देव अपरम्पारा
झुंझाले में जागा गौसाई जी
गोरखनाथ घोटेवाला।।









लंकपुरी में हड़ुमत जागा
वे जोधा अजनी वाला
रामचंद्र का काज सारिया
जद लागा हरी ने प्यारा।।


काशी जी में भेरू जागा
हाथ कड़ा मोतिया वाला
बांध घुँघरा घमक मचावे
ऐसा भेरू मतवाला।।


हथनापुर में पांडु जागा
वे जोधा कुंता वाला
सुर तैतीसो सभी जागिया
कोलूमण्ड में भालाला।।


रुणेचे में जाग्या रामदे
गळ मोतियन की हैं माला
हरि शरणे भाटी हरजी बोले
जन्म जन्म चाकर थोरा।।


कैलाशपुरी में शंकर जागा
नंदीसर के असवारा
जटा मुकुट में गंगा खलके
पार्वता के हैं प्यारा
सुरसत माय शारदा ने सिंवरू
गणपत सिंवरू सुंडाला
पौ फाटी प्रभात भयो हैं
उठो कँवर फेरो माळा।।
गायक बाबूलाल जी संत।
प्रेषक रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052

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