कैलाशपति संग लेके सती मेरी नैया पार लगा जाना भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
कैलाशपति संग लेके सती
मेरी नैया पार लगा जाना
इतनी विनती है ब्रम्ह्जति
गलती को मति तुम चित लाना।।
तुम ही हो पिता तुम ही माता
मै हूँ आचक तुम हो दाता
सेवक स्वामी का ये नाता
मेरे दाता आज निभा जाना
कैलाशपति संग लेके सती
मेरी नैया पार लगा जाना
इतनी विनती है ब्रम्ह्जति
गलती को मति तुम चित लाना।।
अँखियाँ तेरे दर्शन की प्यासी
तुम दया करो हे कैलाशी
हे भंडारी घट घट वासी
अँखियो की प्यास बुझा जाना
कैलाशपति संग लेके सती
मेरी नैया पार लगा जाना
इतनी विनती है ब्रम्ह्जति
गलती को मति तुम चित लाना।।
हे जगतनाथ हे रामेश्वर
हे अमरनाथ हे कालेश्वर
मनकामनेश्वर हे गंगेश्वर
मन मंदिर बिच समा जाना
कैलाश पति संग लेके सती
मेरी नैया पार लगा जाना
इतनी विनती है ब्रम्ह्जति
गलती को मति तुम चित लाना।।
तेरी एक नज़र जो हो जाये
कंकड़ भी मोती बन जाये
भव से ये दास भी तर जाये
बस एक झलक दिखला जाना
कैलाश पति संग लेके सती
मेरी नैया पार लगा जाना
इतनी विनती है ब्रम्ह्जति
गलती को मति तुम चित लाना।।
kailashpati sang leke sati bhajan lyrics