कहाँ तू खोज रहा रे प्राणी तेरे मन मन्दिर में राम लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










कहाँ तू खोज रहा रे प्राणी
तेरे मन मन्दिर में राम
नहीं अवध नहिं गोकुल में प्रभु
नहीं द्वारका धाम
तेरे मन मन्दिर में राम।।


मन में तेरे मैल जमी है
अँखियन मोह की पट्टी पड़ी है
दीखत नाहीं राम
तेरे मन मन्दिर में राम।।


एक बार तू प्रभु को भजले
मन निर्मल को जाए
धोले मन का मैल रे प्राणी
ले कर हरि का नाम
तेरे मन मन्दिर में राम।।


कहाँ तू खोज रहा रे प्राणी
तेरे मन मन्दिर में राम
नहीं अवध नहिं गोकुल में प्रभु
नहीं द्वारका धाम
तेरे मन मन्दिर में राम।।







गायक मनोज कुमार खरे।
रचनाकार श्री ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र।










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