कब से पुकारे तेरे लाल भजन लिरिक्स - Kabse Pukare Tere Lal Lyrics
कब से पुकारे तेरे लाल
जाके क्यों माँ बसी हो
तुम पहाड़ पे
कबसे पुकारें तेरे लाल।।
तर्ज तुझको पुकारे मेरा।
कैसे कोई माँ
बच्चो से दुरी भला
सह सकती है
बोल ओ दाती
भक्तो के बिन तू
रह सकती है
तू भी तो होगी ना बेहाल
तू भी तो होगी ना बेहाल
जाके क्यों माँ बसी हो
तुम पहाड़ पे
कब से पुकारें तेरे लाल।।
आई मिलन की
बेला ओ मैया आजा
दौड़ के आजा
दूर तेरा दर
हम आ सके ना
पर्वत छोड़ के आजा
अर्जी हमारी ना ये टाल
अर्जी हमारी ना ये टाल
जाके क्यों माँ बसी हो
तुम पहाड़ पे
कब से पुकारें तेरे लाल।।
पास बिठा के
तुमको भवानी दिल का
हाल बताते
गुलशन तेरे बिन
सुना है कितना दाती
तुमको दिखाते
सुनने को आजा जरा हाल
सुनने को आजा जरा हाल
जाके क्यों माँ बसी हो
तुम पहाड़ पे
कब से पुकारें तेरे लाल।।
कब से पुकारे तेरे लाल
जाके क्यों माँ बसी हो
तुम पहाड़ पे
कब से पुकारें तेरे लाल।।
kabse pukare tere lal lyrics