कभी शिवजी के मंदिर गया ही नहीं भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










कभी शिवजी के मंदिर
गया ही नहीं
शिव भक्त कहाने से
क्या फायदा
शिव का ध्यान कभी भी
लगाया नहीं
सिर्फ दीपक जलाने से
क्या फायदा।।
तर्ज कभी प्यासे को पानी।


लाख माथे पे अपने
तू चंदन लगा
बिन पूजा के
कुमकुम का टिका लगा
गुणगान कभी इनका
गाया नहीं
उपदेश सुनाने से
क्या फायदा
कभी शिव जी के मँदिर
गया ही नहीं
शिव भक्त कहाने से
क्या फायदा।।


रोज पानी से तन को
तो धोया मगर
मन के मेल को अब तक
मिटाया नहीं
सच्चा प्रेम ह्रदय में
बसाया नहीं
रेवा जल में नहाने से
क्या फायदा
कभी शिव जी के मँदिर
गया ही नहीं
शिव भक्त कहाने से
क्या फायदा।।









दुसरो को तो
धर्म की बातें कहे
धर्म की राह पर तू
स्वयं ना चले
सच्चे धर्म का जिसको
ज्ञान नहीं
ऐसा ज्ञानी कहलाने से
क्या फायदा
कभी शिव जी के मँदिर
गया ही नहीं
शिव भक्त कहाने से
क्या फायदा।।


शाम ढलते ही घर में
उजाला करे
मन में भक्ति का दीपक
जलाया नहीं
शिव शंकर की आरती
उतारी नहीं
सिर्फ डमरू बजाने से
क्या फायदा
कभी शिव जी के मँदिर
गया ही नहीं
शिव भक्त कहाने से
क्या फायदा।।


शिव के चरणों को
छोड़ के जाना कहाँ
शिव धाम बिना है
ठिकाना कहाँ
शिव के चरणों में
बन्दे रम जा जरा
व्यर्थ जीवन बिताने से
क्या फायदा
कभी शिव जी के मँदिर
गया ही नहीं
शिव भक्त कहाने से
क्या फायदा।।


शिव शंकर ही तेरा
उद्धार करे
तेरे जीवन की नैया
को पार करे
शिव का नाम तो सारा
जमाना कहे
फिर व्यर्थ भटकने से
क्या फायदा
कभी शिव जी के मँदिर
गया ही नहीं
शिव भक्त कहाने से
क्या फायदा।।


कभी शिवजी के मंदिर
गया ही नहीं
शिव भक्त कहाने से
क्या फायदा
शिव का ध्यान कभी भी
लगाया नहीं
सिर्फ दीपक जलाने से
क्या फायदा।।














kabhi shivji ke mandir gaya hi nahi lyrics