कभी माखन चुरा लिया कभी पर्वत उठा लिया भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










कभी माखन चुरा लिया
कभी पर्वत उठा लिया
ओ लल्ला रे
ये क्या गजब किया
मेरे कान्हा
मुझको डरा दिया॥॥
तर्जकभी बंधन जुड़ा लिया


कभी मुझको शक होता
तु मेरा लाल नही है
है कोई अवतारी तु
ये मेरी बात सही है
इन्द्र से रक्षा के खतिर
तुमने पर्वत उठा लिया
मेरे कान्हा ये बताना2
ओ लल्ला रे
ये क्या गजब किया मेरे कान्हा॥॥


बहाना कोई करके
तु सबसे रास रचाये
कभी तु चीर चुराये
कभी बंसी पे नचाये
तेरी लीला ना समझी मै
तु क्या क्या रुप दिखाये
मेरे कान्हा ये बताना2
ओ लल्ला रे
ये क्या गजब किया मेरे कान्हा॥॥









कन्हैया बोले हँसकर
माँ तेरा लाल ही हूँ
आया दुष्टों को मिटाने
लेके अवतार मे हूँ
बात जब पवन बताई
सुन के माँ गले लगाई
मेरे कान्हा ये बताना2
ओ लल्ला रे
ये क्या गजब किया मेरे कान्हा॥॥


कभी माखन चुरा लिया
कभी पर्वत उठा लिया
ओ लल्ला रे
ये क्या गजब किया
मेरे कान्हा
मुझको डरा दिया॥॥













kabhi makhan chura liya bhajan lyrics