कभी धूप तो कभी छाव प्रदीप भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










सुख दुख दोनो रहते जिसमे
जीवन है वो गाँव
कभी धूप कभी छाव
कभी धूप तो कभी छाव
उपर वाला पासा फेंके
नीचे चलते दाँव
कभी धुप कभी छाव
कभी धूप तो कभी छाव।।


भले भी दिन आते जगत में
बुरे भी दिन आते
भले भी दिन आते जगत में
बुरे भी दिन आते
कड़वे मीठे फल करम के
यहाँ सभी पाते
कभी सीधे कभी उलटे पड़ते
अजब समय के पाँव
कभी धुप कभी छाव
कभी धूप तो कभी छाव।।


क्या खुशियाँ क्या गम
ये सब मिलते बारी बारी
क्या खुशियाँ क्या गम
ये सब मिलते बारी बारी
मलिक की मर्ज़ी पे चलती
ये दुनिया सारी
ध्यान से खेना जग नदिया में बंदे
अपनी नाव
कभी धुप कभी छाव
कभी धूप तो कभी छाव।।


सुख दुख दोनो रहते जिसमे
जीवन है वो गाँव
कभी धूप कभी छाव
कभी धुपतो कभी छाव
उपर वाला पासा फेंके
नीचे चलते दाँव
कभी धूप तोकभी छाव
कभी धूप तो कभी छाव।।

















kabhi dhoop kabhi chaon hindi lyrics