कभी देखा ना किसी का नसीबा भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










कभी देखा ना किसी का नसीबा
जो भी इस धरती पर मनुष्य के रूप में जन्म लेता है
उसे मनुष्य के सभी कर्तव्य निभाने पड़ते हैं
और भगवान श्री कृष्ण ने भी ऐसा ही किया था
लेकिन दुनिया वालों ने उन्हें भी नहीं बख्शा
दुनिया की बातों से दुखी होकर भगवान श्री कृष्ण
अपने भाग्य विधाता से क्या कहते हैं


कभी देखा ना किसी का नसीबा
कभी देखा नहीं ऐसा नसीबा
ओ जैसा लिखा विधाता ने मेरा
क्या करूंक्या करूंक्या करूं
मैं क्या करूंक्या करूंक्या करूं
कभी देंखा ना किसी का नसीबा।।
तर्ज सारे जग का है वो रखवाला।









बालसखा कुछ ऐसे थे
ना गईया ना पैसे थे
मन चंचल था बचपन का
जिद माखन की कर बैठा
धर्म यारी का मैंने निभाया २
चोर दुनिया ने मुझको बताया
क्या करूंक्या करूंक्या करूं
मैं क्या करूंक्या करूंक्या करूं
कभी देंखा ना किसी का नसीबा।।


वे खुल्ला रोज नहाती थी
शर्म जरा नहीं आती थी
उनको सबक सिखाना था
कपड़े मुझे छुपाना था
कैसा दुनिया ने मुझको सताया २
देखो छलिया रे मुझको बताया
क्या करूंक्या करूंक्या करूं
मैं क्या करूंक्या करूंक्या करूं
कभी देंखा ना किसी का नसीबा।।


कौरव भी मुझे प्यारे थे
पांडव बड़े दुलारे थे
लेकिन एक मजबूरी थी
धर्म अधर्म की दूरी थी
महाभारत को रोक नहीं पाया
दोष सारा मेरे सर पे आया
कुल नाशक ये मोहन कहलाया
क्या करूंक्या करूंक्या करूं
मैं क्या करूंक्या करूंक्या करूं
कभी देंखा ना किसी का नसीबा।।


कभी देखा ना किसी का नसीबा
कभी देखा नहीं ऐसा नसीबा
ओ जैसा लिखा विधाता ने मेरा
क्या करूंक्या करूंक्या करूं
मैं क्या करूंक्या करूंक्या करूं
कभी देंखा ना किसी का नसीबा।।
गायिका एवं प्रेषक
राजमणी आर्या
9897230967










kabhi dekha na kisi ka nasiba lyrics