कब तक चुप बैठे अब तो पट है खोलना भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
कब तक चुप बैठे
अब तो पट है खोलना
हम दुखियों का दिल
बाबा तुम ना तोड़ना
मर जाएँगे हम खाटू में
आए बिना
मनमोहना मनमोहना
कब तक चुप बैंठे
अब तो पट है खोलना।।
तर्ज कब तक चुप बैठें।
कितने दिन बाबा बीते
बीती है कितनी रातें
कब होगी तेरी मेरी
वो मीठी मीठी बातें
इस हाल में बाबा हमको
तुम ना छोड़ना
मनमोहना मनमोहना
कब तक चुप बैंठे
अब तो पट है खोलना।।
तेरे रहते तेरी चौखट
बाबा कैसे है खाली
आने को तरसे बाबा
जाने कितने ही सवाली
इस बंधन को अब बाबा
तुम ही खोलना
मनमोहना मनमोहना
कब तक चुप बैंठे
अब तो पट है खोलना।।
आजा अब प्रेम बढ़ा जा
रिश्ता तू अपना निभा जा
राखी है बेटी तुम्हारी
दुनिया को आके बता जा
हारे से रिश्ता कभी ना
बाबा तोड़ना
मनमोहना मनमोहना
कब तक चुप बैंठे
अब तो पट है खोलना।।
कब तक चुप बैठे
अब तो पट है खोलना
हम दुखियों का दिल
बाबा तुम ना तोड़ना
मर जाएँगे हम खाटू में
आए बिना
मनमोहना मनमोहना
कब तक चुप बैंठे
अब तो पट है खोलना।।
kab tak chup baithe ab to pat hai kholna lyrics