कबसे खड़े है झोली पसार भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










कबसे खड़े है झोली पसार
क्यूँ ना सुने तू मेरी पुकार
जग रखवाला है मेरे साँवरिया
तेरा ही सहारा है मेरे साँवरिया।।
तर्ज आने से उसके आए बहार।


देख लो लगी हैं
आज मंदिर मैं ये भीड़ भारी
दर्शनों की खातिर
आए हैं लाखों नर और नारी
आजा हे मुरारी अब
दीनों ने पुकारा है मेरे साँवरिया
तेरा ही सहारा है मेरे साँवरिया।।


जिंदगी से हारे
गम ज़माने का हम लेके आए
तू बता जहां में
लोग अपने हुए क्यों पराए
तेरे सिवा दुनिया में
कोई ना हमारा है मेरे साँवरिया
तेरा ही सहारा है मेरे साँवरिया।।









रास्ता ना सूझे
कहां जाए मुसीबत के मारे
आसरा है तेरा
दूर कर दो ये संकट हमारे
सुनते हैं तूने ही
लाखों को उबारा है मेरे साँवरिया
तेरा ही सहारा है मेरे साँवरिया।।


आ गए शरण में
बोझ पापों का सर पर उठाए
कर नजर दया की
तेरा भगत तुझे है बुलाए
सेवा में हमने तेरे
जीवन गुजारा है मेरे साँवरिया
तेरा ही सहारा है मेरे साँवरिया।।


कबसे खड़े है झोली पसार
क्यूँ ना सुने तू मेरी पुकार
जग रखवाला है मेरे साँवरिया
तेरा ही सहारा है मेरे साँवरिया।।




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