कब जागता है कब सोता है साई भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










साई जागता है कब सोता है
कब जागता है कब सोता है
हम दर्द सभी का खोता है
मालिक है तू कैसा मालिक है
जग रोए तू भी रोता है
कब जागता हैं कब सोता हैं
हम दर्द सभी का खोता है।।


ना धन दौलत ना जागीरे
कैसे तू बनाये तकदीरे
जादू है या की करिश्मा है
जादू है या की करिश्मा है
रोता भी यहाँ खुश होता है
कब जागता हैं कब सोता हैं
हम दर्द सभी का खोता है।।


इंसा इंसा को काट रहा
तू प्रेम संदेसा बाँट रहा
चाहे मंदिर मस्जिद गुरुदवारा
चाहे मंदिर मस्जिद गुरुदवारा
मेरा साई सभी में होता है
कब जागता हैं कब सोता हैं
हम दर्द सभी का खोता है।।


बिछड़े लहरी मिल जाते है
मुरझाये चमन खिल जाते है
कैसा है खजाना फकीरे का
कैसा है खजाना फकीरे का
लूटकर भी ना खाली होता है
कब जागता हैं कब सोता हैं
हम दर्द सभी का खोता है।।









साई जागता हैं कब सोता हैं
कब जागता हैं कब सोता हैं
हम दर्द सभी का खोता है
मालिक है तू कैसा मालिक है
जग रोए तू भी रोता है
कब जागता हैं कब सोता हैं
हम दर्द सभी का खोता है।।
स्वर उमा लहरी जी।










kab jagta hai kab sota hai sai bhajan lyrics