कालों के काल महाकाल को मनाएंगे लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










कालों के काल महाकाल
को मनाएंगे
उज्जैन नगरी में
शीश झुकाएंगे।।


भांग धतूरा का
भोग लगाते है
बिल्वपत्ती जिनके
सिर पर चढ़ाते हैं
दूध दही से
स्नान कर आएंगे
कालो के काल महाकाल
को मनाएंगे।।


शीश पर चंदा जिनकी
जटा में गंगा
गले में नाग जिनके
देखो भुजंगा
दर्शन करने को
उज्जैन नगरी जाएंगे
कालो के काल महाकाल
को मनाएंगे।।


भस्म में लगाए भोला
डमरू बजाए
डमरू बजाए भोला
डमरू बजाए
डमरू की ताल पर
वो सबको नचाएंगे
कालो के काल महाकाल
को मनाएंगे।।









कालों के काल महाकाल
को मनाएंगे
उज्जैन नगरी में
शीश झुकाएंगे।।
गायक प्रेषक धर्मेंद्र राजपूत।
संपर्क 7049440533










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